
साल 2025 अभी आधा भी नहीं बीता था कि देश ने इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएँ देख लीं कि लोग बोले— “हे भगवान! ये साल स्क्रिप्ट किसने लिखी है?”
जनवरी से अगस्त तक हादसों की ऐसी लाइन लगी कि न्यूज़ चैनल्स को ब्रेकिंग खत्म ही नहीं हुई। आइए देखते हैं—कौन-कौन से हादसों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
1. महाकुंभ भगदड़ — आस्था का सागर बना अफरातफरी का तूफान
29 जनवरी 2025, प्रयागराज
मौनी अमावस्या का दिन… लाखों श्रद्धालु… और अचानक भगदड़। 30+ लोगों की मौत, 60 से ज़्यादा घायल। कुंभ का मैनेजमेंट फिर सवालों के घेरे में।
2. दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ — “एक बैग गिरा और भगदड़ मच गई!”
15 फरवरी 2025
एक यात्री के बैग गिरते ही ऐसा हड़कंप मचा कि 18 लोगों की जान चली गई। दिल्ली में भीड़ मैनेजमेंट की पोल एक बार फिर खुल गई।
3. पहलगाम आतंकी हमला — पर्यटक बना निशाना
22 अप्रैल 2025
बैसरन घाटी में टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग। 26 नागरिकों की मौत। देश भर में गुस्सा और खौफ दोनों।
4. बेंगलुरु RCB सेलिब्रेशन भगदड़ — जीत भारी पड़ गई!
4 जून 2025
RCB की जीत का जश्न मनाने पहुंचे लाखों लोग। स्टेडियम तो सिर्फ 35,000 की क्षमता वाला था— बस फिर क्या… गेट टूटा, भगदड़ मची, 11 मौतें, 30 घायल।
5. मुंबई लोकल हादसा — ऑफिस आवर की ‘डेथ लाइन’
9 जून 2025, मुंब्रा
ट्रेन के फुटबोर्ड से लटके यात्री—ट्रेनें पास से गुजरीं, बैग टकराए, और 10 लोग नीचे गिरे। 4 की मौत, 13 घायल।
6. अहमदाबाद प्लेन क्रैश — साल का सबसे दर्दनाक हादसा
12 जून 2025

Air India AI-171 का टेकऑफ के कुछ मिनट बाद क्रैश। 241 लोग मौत के शिकार, सिर्फ 1 जीवित बचा। भारत के विमानन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक।
7. तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री विस्फोट — आग ने निगल ली ज़िंदगियाँ
रिक्टर यूनिट में धमाका। 40 मौतें, 30 से ज़्यादा घायल।
8. उत्तराखंड बादल फटना — पहाड़ फिर रोया
5 अगस्त 2025, धराली गांव
खीरगंगा नदी में बाढ़, 5 मौतें, 100 लोग लापता। देवभूमि में फिर प्रकृति का कहर।
9. आंध्र प्रदेश तिरुमाला भगदड़ — दर्शन से पहले ही हाहाकार
9 जनवरी 2025
वैकुंठ द्वार खुलते ही भीड़ टूट पड़ी। 6 मौतें दर्ज।
10. गोवा मंदिर भगदड़ — बिजली का झटका और मची अफरातफरी
3 मई 2025
बल्ब छूने की कोशिश… करंट… और फिर भगदड़। 6 मौतें, 70 घायल।
11. तमिलनाडु करूर रैली भगदड़ — ‘सुपरस्टार क्राउड’ का सुपर डेंजर
27 सितंबर 2025
विजय की रैली में उमड़ी 30,000+ अतिरिक्त भीड़। 41 मौतें, 50 घायल। रैली की लोकप्रियता ‘घातक’ साबित हुई।
भीड़, सावधानी और मैनेजमेंट तीनों जरूरी!
2025 ने हमें यह ज़ोर से याद दिलाया कि— भीड़ के सामने सिस्टम अक्सर कमजोर पड़ जाता है। और तभी हादसे जन्म लेते हैं।
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